World Chess Champi D Gukesh Prize Money: 18 वर्षीय डी गुकेश दोमराजू वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 में भारत के सबसे कम उम्र के 18वें विश्व चेस चैंपियन बने। डी गुकेश ने 14वें गेम में चीन के डिंग लेरिन को हराकर वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 का खिताब अपने नाम किया। गुकेश डी विश्वनाथ आनंद के बाद शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाल दूसरे व्यक्ति बने है। दुनिया भर से लोग डी गुकेश को जीत की ढेर सारी बधाइयां दे रहे हैं और बहुत से लोग यह जानने के लिए काफी उत्सुक होंगे कि डी गुकेश को खीताब में कितनी प्राइज मनी मिली होगी? आईए जानते हैं….
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार 12 दिसंबर को सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप मैं ऐतिहासिक जीत हासिल की थे। डी गुकेश ने सिंगापुर में 14 राउंड के मैच में चीन के डिंग लेरिन को हराकर चेस में सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया।
डी गुकेश कि इस बेमिसाल उपलब्धि से पहले रूस के महान दिग्गज गैरी कस्पारोव सबसे कम उम्र के चेस चैंपियन बने थे। गैरी कस्पारोव ने 1985 में आनातोली कापोर्व को हराकर 22 साल की उम्र में चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था।
डी गुकेश ने जीती इतनी प्राइस मनी
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 की कुल प्राइस मनी 2.5 मिलियन डॉलर है जो भारतीय करेंसी में लगभग 20.75 करोड रुपए होते हैं। FIDE के नियमों के अनुसार खिलाड़ियों को हर जीत के लिए 200000 डॉलर मिलते है, जो भारतीय करेंसी में (लगभग 1.68 करोड रुपए ) के बराबर होते हैं। जबकि बची हुई प्राइस मनी फाइनलिस्ट के बीच समान रूप से बांट दी जाती है। डी गुकेश ने इस मुकाबले में तीन गेमें जीती, गेम 3 गेम 11 और गेम 14। इस हिसाब से उन्हें 600000 डॉलर मिले जो भारतीय करेंसी में (लगभग 5.04 करोड रुपए) के बराबर होते हैं। वही डिंग लेरिन ने गेम वन और गेम 2 जीते थे जिसमें उन्हें 400000 डॉलर मिले थे। जो भारतीय करेंसी में (लगभग 3.36 करोड रुपए) के बराबर होते हैं। बाकी के बचे हुए 1.5 मिलियन डॉलर डी गुकेश और डिंग लेरिन के बीच समान रूप से बांट दिए गए थे। यानी कुल मिलाकर डी गुकेश ने 1.35 मिलियन डॉलर कमाए थे जो भारतीय करेंसी में (लगभग 11.45 करोड रुपए) होते हैं।
डी गुकेश का करोड़पति बनने के मायने
जब डी गुकेश से यह पूछा गया कि करोड़पति बनना उनके लिए कितना मायने रखता है? तब डी गुकेश ने एक साक्षात्कार के रूप में फिडे को यह बताया कि करोड़पति बनना उनके लिए बहुत मायने रखता है। जब मैं शतरंज में आया था तो हमें एक परिवार के रूप में कुछ मुश्किल फैसले लेने पड़े थे। मेरे माता-पिता वित्तीय और भावनात्मक कठिनाइयों से भी गुजरे थे और अब हम अधिक सहज है और मेरे माता-पिता को उन चीजों के बारे में सोने की कोई जरूरत नहीं है।
आपको बता दे कि विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 का यह बेहतरीन मैच 138 वर्षों में पहला ऐसा मैच बन गया। जिसमें एशिया के दो प्रतियोगी मौजूदा विश्व चैंपियन भारत के चैलेंजर डी गुकेश और चीन के डिंग लेरिन चेस चैंपियन के किताब के लिए कंपटीशन कर रहे थे। 1886 से अब तक केवल 17 खिलाड़ियों ने विश्व चेस चैंपियन का गौरवपूर्ण किताब अपने नाम किया है, डी गुकेश अब 18 विश्व शतरंज चैंपियन है।
आईए जानते हैं डी गुकेश दोमराजू के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियो के बारे में
• 2015: अंडर-9 एशियाई स्कूल चैंपियनशिप (कैंडिडेट मास्टर का खिताब)
डी गुकेश के पिता एक डॉक्टर है और माता पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट है। स्कूल के दिनों मे ही डी गुकेश को के के खेल से प्यार हो गया था। डी गुकेश ने अपने शानदार प्रदर्शन के कारण से वह तेजी से आगे बढ़ते चलें गए। डी गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIED कैंडीडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीत लिया था। तब से डी गुकेश ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के युवा विजेता बन गए थे। वहीं इसी साल 10 से 23 सितंबर के बीच 2024 को बूडापेस्ट में चेस ओलिंपियाड का आयोजन भी हुआ था। भारत ने मेंस और वुमेन दोनों कैटिगरीज में चैंपियनशिप जीता था। ओपन कैटेगरी में डी गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत हासिल कराई थी।
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