Drink Water Like This: पानी हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है और यह बात आपने सुनी भी होगी। लेकिन कई बार बहुत सारे लोगों को पानी पीने का सही तरीका पता नहीं होता। इसीलिए उन्हें कई सारे हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे की गैस, इनडाइजेशन, ब्लोटिंग और किडनी से जुड़ी समस्या। इसलिए आज हम आपको बतायेंगे कि पानी पीने का सही समय क्या है और किस तरीके से पानी पीने से शरीर से कई सारी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। और पानी पीते वक्त कौन-कौन सी बातों का आपको बहुत ज्यादा ध्यान रखना है।
आईए जानते हैं पानी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
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• सबसे पहले जानते है की पानी हमारी बॉडी के लिए कितना जरूरी है। कई बार हम पानी पर ऐसे टूट पड़ते है जैसे जन्म-जन्म के प्यासे हो। तो आपको कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए। वैसे तो यह बात बिल्कुल सही है की हमारी बॉडी को पानी की बहुत जरूरत होती है। लेकिन आपको इस तरह से एक झटके में ढेर सारा पानी बिलकुल भी नहीं पीना चाहिए। क्युकी आपकी बॉडी इसकी आदी नहीं होती। ऐसे पानी पीने से पानी एक झटके से आपकी किडनी तक पहुंचता है और किडनी पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इससे आपकी किडनी डैमेज हो सकती है। नॉर्मली लड़कों को डेली 3 से 4 लीटर पानी की जरूरत होती है। जबकि लड़कियों को 2 से 3 लीटर पानी की जरूरत होती है। आपको वीकली आधा लीटर पानी ज्यादा पीना चाहिए। आप एक लिमिट से ज्यादा पानी पी सकते हैं। लेकिन अगर आपके डॉक्टर ने कहा हो तो।
• अब यह गलती तो हर किसी ने की होगी। चाहे आप ऑफिस में काम कर रहे हो, घर में हो खेल रहे या फिर कुछ भी अन्य काम कर रहे हो। जब भी आपको प्यास लगती होगी आप एक गिलास जितना पानी सिर्फ 5 सेकंड में पी लेते होंगे। सिर्फ इतना ही नहीं कई बार पढ़े-लिखे लोग भी यह गलती कर बैठते हैं। ऑफिस में है प्यास लगी तो बोतल उठाई और बस गुट-गुट करके पानी पी लिया। क्योंकि हम अक्सर जल्दी में रहते हैं। लेकिन पानी पीने का यह तरीका गलत है। इससे आपको गैस एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है।
• कुदरत ने हमारी बॉडी को बहुत सोच समझ कर बनाया है और हर काम के लिए इसमें बायोलॉजिकल क्लॉक भी सेट किया है। रात होते ही हमें नींद आने लगती है। लंच और डिनर टाइम होते ही हमें भूख का एहसास होता है। क्योंकि यह सारी चीजे नेचर के हिसाब से चलती है। इसलिए हमारी बॉडी भी वैसे ही रिएक्ट करती है। जब भी हमें भूख लगती है तो हमारी बॉडी ऑटोमेटेकली खाना हजम करने की तैयारी शुरू कर देती है, और इंर्पोटेंट रोले प्ले करती है। अगर साइंटिफिक भाषा में कहूं तो हमारा डाइजेशन सिस्टम पाचक रस बनने लग जाता है। ताकि बॉडी खाना सही तरीके से पचा सके। लेकिन जब आप खाने से पहले या खाने के बाद पानी पीते हैं तो उससे जठर अग्नि शांत हो जाती है। जो पाचक रस पतला हो जाता है। ऐसे में हमारा शरीर खाना हजम नहीं कर पाता और खाना हमारे पेट में पड़ा पड़ा सड़ने लगता है। जिससे अल्टीमेटली गैस, इनडाइजेशन और ब्लोटिंग जैसी प्रॉब्लम होती है। अब कई सारे लोगो के दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या खाने के बाद हमें बिल्कुल पानी नहीं पीना चाहिए। तो इसके बदले आप कुल्ला कर सकते हैं और अगर पानी पीना पड़े तो खाना खाने से पहले और खाने के बाद 1 घंटे का गैप जरूर रखें।
• इस सवाल पर शायाद ही कोई ध्यान देता होगा की अगर गर्मी का मौसम चल रहा है तो आप फ्रिज का रखा ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक पियेंगे। और अगर मौसम सर्दियों का है तो लोग ठंडे पानी की जगह गर्म पानी ही पीना पसंद करेंगे। पर क्या आपको पता है की ज्यादा ठंडा या फिर ज्यादा गर्म पानी दोनों ही आपकी सेहत के लिए हार्मफुल है। जब आप ज्यादा गर्म या ठंडा पानी पीते हैं तो सबसे पहले बॉडी उसका टेंपरेचर नॉरमल करती है। जिसके लिए बॉडी को ज्यादा मेहनत लगानी पड़ती है। इसके अलावा अगर आप फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं। तो इससे आपका गला तो खराब होता ही है पर साथ में यह आपके डाइजेशन सिस्टम को भी काफी नुकसान करता है और एक बड़ी प्रॉब्लम है जो बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से हो सकती है, वह है जॉइंट पेन। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि अगर गर्मी ज्यादा है और ठंडा पानी पीने का मन करे तो क्या कर सकते हैं। इसका सॉल्यूशन है मटके का पानी सालो पहले जब फ्रिज नहीं हुआ करती थीं, तब हमारे पूर्वज गर्मियों के मौसम में ऐसे ही मटके का पानी पिया करते थे। हालांकि अगर सर्दियों का मौसम चल रहा है तो आप पानी को हल्का गर्म करके पी सकते हैं। लेकिन कभी भी बहुत ज्यादा ठंडा या फिर बहुत ज्यादा गर्म पानी न पिए।
• अब ज्यादातर लोग अक्सर खड़े-खड़े पानी पीते हैं। इसलिए शायद आपको लग रह लग रहा होगा कि खड़े होकर पानी पीने में क्या प्रॉब्लम है। बहुत से लोग अक्सर खड़े-खड़े पानी पीते हैं और उसका कोई लॉजिक भी नहीं दिखता की खड़े-खड़े पानी पीने से कोई बीमार हो जाएगा। अपोलो स्पेक्टर अस्पताल दिल्ली के जनरल फिजिशियन डॉक्टर विपुल रस्तोगी का कहना है कि खड़े होकर पानी पीने से आपको काफी सारे हेल्थ प्रोब्लम हो सकते हैं। जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तब पानी बहुत तेज रफ्तार से जाते हुए हमारे फूड कैनाल से सीधे लोअर स्टमक में पहुंच जाता है। खड़े होकर पानी पीने से एक प्रॉब्लम और भी हो सकती है। जिसे हम लंग रिस्क कहते हैं। जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो जरूरी न्यूट्रिएंट्स और विटामिन हमारे लिवर और डाइजेस्टिव सिस्टम तक नहीं पहुंच पाए। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से बॉडी में पानी का उपयोग बहुत ज्यादा हो जाता है। जिससे ऑक्सीजन लेवल डिस्टर्ब हो जाता है। लंग्स एंड हार्ड फंक्शन पर रिस्क रहता है। सबसे ज्यादा असर पड़ता है किडनी पर। क्योंकि पानी ठीक से फिल्टर नहीं हो पता तो इस वजह से आपकी किडनी पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और किडनी डैमेज होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
आजकल लोग अपने घरों में पानी को प्यूरिफाई करने के लिए वॉटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब वॉटर प्यूरीफायर नहीं थे तब लोग तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। आयुर्वेद के हिसाब से और कुछ साइंटिफिक रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर पानी को तांबे के बर्तन में रखा जाए तो उससे बैक्टीरिया खत्म हो जाते है। और वह अपनी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है।
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