Mahakhunbh 2025: अगर आप भी संगम स्नान के लिए महाकुंभ के मेले में शामिल होने जा रहे हैं तो महाकुंभ के साथ-साथ प्रयागराज की इन पांच खूबसूरत जगहों की यात्रा जरूर करें और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।

Prayagraj Best Places To Visit: प्रयागराज भारत का सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। जिसे घाटों का शहर भी कहा जाता है। यह शहर अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। कुंभ का मेला हर 12 साल में एक बार लगता है और इस बार 144 साल में होने वाले महाकुंभ की तैयारी भव्य तरीके से हो रही है। प्रयागराज अपने कुंभ मेले के लिए विश्व भर में बेहद मशहूर है। जिसमें त्रिवेण संगम की डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से लोग यहां पर आते हैं। कुंभ के इस बेहद खास मौके पर देश-विदेश से लोग प्रयागराज में गंगा में स्नान के लिए पहुंचते हैं। यहां के मान्यता के अनुसार अगर आप महाकुंभ पर्व के दौरान संगम में स्नान करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए अगर आप भी इस बार महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं तो मेले के अलावा प्रयागराज के इन पवित्र और ऐतिहासिक स्थलों की सैर करना बिल्कुल ना भूले और इस भव्य मेले का आनंद लेकर अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।
प्रयागराज के पंच पवित्र और ऐतिहासिक स्थल
1. संगम स्थल (त्रिवेणी संगम):
अगर आप भी महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं तो त्रिवेणी संगम में स्नान करना और संगम स्थल के दर्शन करना बिल्कुल ना भूले। क्युकि यह जगह प्रयागराज का सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। जहां पर लाखों के श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं। यहां पर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है। इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र स्थान में से एक माना जाता है। तुम स्नान करने से मोच की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद संगम स्थल पर पूजा अर्चना जरूर करें। आप यहां नौका विहार का आनंद भी ले सकते हैं। नाव के जरिए संगम के बीच में जाकर संगम स्थल की भव्यता का अनुभव जरूर करें। इस स्थान पर आपको आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक की ऊर्जा का अनुभव होगा।
2. आनंद भवन:
अगर आप इतिहास के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो आनंद भवन की सर जरूर करें। आनंद भवन भारत का एक ऐसा ऐतिहासिक भवन है जो स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का पैतृक घर भी यहीं पर है। जिसे अब एक म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है। इस म्यूजियम में आपको स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी अलग-अलग महत्वपूर्ण वस्तुएं दस्तावेज और पुराने समय के भारत की छवि भी देखने को मिलेगी। इसके साथ ही आपको नेहरू जी के जीवन के बारे में ढेर सारी जानकारियां मिलेगी। जहां पर एंट्री के समय टिकट लगता है हालांकि प्रवेश शुल्क नाम मात्र का ही है यहां घूमने के लिए एक से दो घंटे का समय अवश्य लग जाता है यह भवन भारतीय इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के बेमिसाल झलक दिखता है।
3. प्रयागराज का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर:
संगम में स्नान करने के बाद आप प्रयागराज के एक प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर के दर्शन जरूर करें। जहां पर लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी के इस प्रतिमा के पीछे उनके पुनर्जन्म की कहानी जुड़ी है। अन्य जानकारी के अनुसार जब हनुमान जी लंका जीतने के बाद अत्यंत कष्ट से पीड़ित होकर मारणा सन्न अवस्था में पहुंच गए थे, तभी माता जानकी ने इसी स्थान पर उन्हें अपना सिंदूर देकर नया जीवन प्रदान किया था और उन्हें हमेशा आरोग्य और चिरायु रहने का आशीर्वाद भी दिया था। इसके साथ ही माता जानकी ने यह भी कहा था कि जो भी इस तट पर स्नान करने के लिए आएगा। उसे संगम स्नान का असली फल तभी मिलेगा जब हनुमान जी के दर्शन करेगा। तो अगर आप भी इस बार महाकुंभ मे जाए तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।
4. खुसरो बाग:
यह बाग मुगल ऐतिहासिक स्थापित कला का अद्भुत उदाहरण है यहां पर मुगल सम्राट जहांगीर के पुत्र खुसरो का बेहद खूबसूरत मकबरा स्थित है। यहाँ की सुंदरता और शांति इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल भी बनती है। मकबरों की भव्य वास्तुकला और दीवारों पर की गई नक्काशी का बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। इसकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। यह बाग एक बेहद बाद चार दिवारी वाला बगीचा है। जो प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास ही मौजूद है। यह भाग 40 एकड़ जमीन में फैला हुआ है जो मुगल काल का एक बेहद खूबसूरत बाग है। सुबह के 6:00 से शाम के 7:00 बजे तक यहां पर आप कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
5. इलाहाबाद का किला:
प्रयागराज में एक किला भी स्थित है। जो मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था। यह किला देश के बाकी किलो की तरह ही मशहूर है। अगर आपको किलो में राखी प्राचीन कला और तस्वीरों मैं रुचि है तो आप इलाहाबाद के इस किले को देखने के लिए जा सकते हैं। इस किले को अकबर ने सन् 1583 में बनवाया था और आज इस किले का एक बड़ा हिस्सा भारतीय सेवा के कंट्रोल में है। इसके साथ ही यहां पर तीन बड़ी गैलरिया और कई ऊंची मीनार भी है। जो की इस नजारे को और भी खूबसूरत बनाती हैं। किले में स्थित अशोक स्तंभ और सरस्वती कुंड इस किले का प्रमुख आकर्षण है। पर्यटकों को इस किले का सीमित हिस्सा ही देखने की अनुमति है। इसलिए संगम के अलावा आप इस जगह पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
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